November 11, 2025

सालभर रुका रहा पश्चिमी रिंग रोड काम, इंदौर में जनवरी से पहले प्रगति नहीं संभव

इंदौर
 किसानों का विरोध और मुआवजा बांटने में देरी ने पश्चिमी रिंग रोड प्रोजेक्ट को सालभर पीछे कर दिया है। जनवरी 2025 में शुरू होने वाला काम नवंबर तक अटका हुआ है। अगले दो से तीन महीने तक भी सड़क निर्माण शुरू होने के आसार नहीं हैं, क्योंकि अभी तक महज 55 प्रतिशत किसानों को ही मुआवजे की राशि दी गई है। बावजूद इसके कई किसान नाराज हैं, क्योंकि इन्हें बाजार मूल्य की तुलना में पैसा कम मिला है। इस लेटलतीफी ने प्रोजेक्ट को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।

इंदौर वन मंडल की 40 और धार की आठ से 10 हेक्टेयर जमीन शामिल

शासन ने सड़क को सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए बनाने की योजना तैयार की थी। 64 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए कुल 638 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें से लगभग 50 हेक्टेयर वनभूमि है। इसमें इंदौर वन मंडल की 40 हेक्टेयर और धार की आठ से 10 हेक्टेयर जमीन शामिल है। बाकी 580 हेक्टेयर भूमि में 472 निजी व 98 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। एनएचएआई 64 किमी लंबी पश्चिमी रिंग रोड को दो हिस्सों में बनाएगा। यह महू से हातोद और हातोद से क्षिप्रा के बीच बनाएंगे।

डेढ़ साल पहले एजेंसी तय

सड़क बनाने के लिए निर्माण एजेंसी डेढ़ साल पहले तय हो चुकी है। अहमदाबाद की कंपनी को ठेका मिला है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से एजेंसी को काम करने में दिक्कतें आ रही हैं। नियमानुसार प्रोजेक्ट में 80 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित कर प्रशासन से क्लियरनेंस मिलने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। वैसे अभी तक एक हजार करोड़ में से 500 से 550 करोड़ का मुआवजा बांटा गया है। शेष किसानों को राशि दिए जाने में दो से तीन महीने लग सकते हैं।

इन्हें देना है मुआवजा

    इंदौर जिले की तीन तहसील सांवेर, देपालपुर और हातोद के 26 गांवों से यह सड़क निकलेगी। यहां 998 किसानों को कुल 795 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाने हैं।
    धार जिले की पीथमपुर तहसील के किसानों को लगभग 200 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
    सांवेर तहसील के नौ गांवों के 512 किसानों को 473 करोड़ रुपये मिलेंगे।
    देपालपुर तहसील के पांच गांवों के 153 किसानों को 140 करोड़ रुपये का भुगतान होगा।
    हातोद तहसील के 12 गांवों के 333 किसानों को 182 करोड़ रुपये दिए जाने हैं।

बांट रहे मुआवजे की राशि

    अगले साल यानी जनवरी से पश्चिमी रिंग रोड का काम शुरू किया जाएगा। इन दिनों किसानों को मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। नवंबर तक 55 फीसद लोगों को राशि बांटी गई है। अगले दो महीनों में प्रोजेक्ट के लिए शेष जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी। वहीं वन विभाग की जमीन को लेकर पर्यावरण अनुमति आना बाकी है। – प्रवीण यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई

 

Spread the love