November 11, 2025

आधुनिक ड्रोन सिस्टम के साथ बीएसएफ का नया स्कूल, पंजाब फ्रंटियर का पहला बैच शुरू

 डबरा

 देश की सीमाओं की सुरक्षा अब आधुनिक ड्रोन सिस्टम से सुसज्जित महिला जवानों के हाथों में होगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस विशेष टीम को 'दुर्गा ड्रोन वाहिनी' नाम दिया है। इसके लिए देश का पहला 'स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर' बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में शुरू किया है, जहां महिला जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर का उद्घाटन 2 सितंबर 2025 को बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने किया था। यह भारत में बीएसएफ का अपनी तरह का पहला व्यवस्थित स्कूल है, जहां ड्रोन वॉरियर्स और ड्रोन कमांडो तैयार किए जाएंगे।

पंजाब फ्रंटियर का पहला बैच

वर्तमान में, पंजाब फ्रंटियर की 30 महिला जवानों का पहला बैच 6 सप्ताह की ट्रेनिंग ले रहा है। इन्हें ड्रोन हमलों से निपटने, ड्रोन के माध्यम से हमला करने के टिप्स, ड्रोन उड़ाने, नियंत्रित करने और निगरानी मिशनों के लिए डेटा एकत्रित करने का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ग्वालियर के डबरा स्थित बीएसएफ अकादमी ने ड्रोन ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें इन प्रशिक्षित महिला जवानों ने ड्रोन वॉर को लेकर डैमो दिया। इसमें लोकेशन का पता लगाना, हमला कर लौटना और कंट्रोल रूम से प्लान तैयार करना जैसे इवेंट शामिल थे।

महिलाएं कमांड भूमिका का पालन अच्छी तरह करती हैं- डॉ. शमशेर सिंह

बीएसएफ अकादमी के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि महिला प्रहरियों को प्रशिक्षित करने के पीछे उनका यह मानना है कि महिलाओं में धैर्य, आत्मविश्वास, सटीक निशाना लगाने के साथ ही वे कमांड भूमिका का अच्छी तरह से पालन करती हैं। डॉ. सिंह ने जोर दिया कि वर्तमान में युद्ध और बॉर्डर सुरक्षा में ड्रोन टेक्नोलॉजी के बिना काम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में ड्रोन से निगरानी रखना, दुश्मन के ड्रोन को गिराना और ऑपरेशन लॉन्च करना आदि काम होंगे।

प्राथमिक इलाज पहुंचाने में भी सहायक

निदेशक ने बताया कि ड्रोन केवल हमला करने या निगरानी के लिए ही नहीं, बल्कि आपात स्थिति में प्राथमिक इलाज पहुंचाने में भी सहायक होंगे, खासकर उन दुर्गम स्थानों पर जहां घायल जवान तक तुरंत पहुंचना संभव नहीं होता। यह प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 'दुर्गा ड्रोन वाहिनी' की ये महिला जवान हर परिस्थिति में सीमाओं पर देश विरोधी दुश्मनों से निपटने के लिए तैयार रहेंगी।

Spread the love