
लखनऊ
जैसे-जैसे 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे उसके काले कारनमों की परतें खुलती जा रही है. चार हजार से भी ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराने वाले इस बुजुर्ग पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एटीएस और आयकर विभाग जैसी शीर्ष जांच एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है. छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा बाबा को लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग देता था. वहीं छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा का स्विस बैंक में भी एकाउंट होने की जानकारी मिली है.
धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर उर्फ जलालुद्दीन इस समय काफी चर्चा में है. पकी हुई दाढ़ी, फकीरों जैसा लबादा और आंखों पर मोटा चश्मा और लड़खड़ाती हुई चाल. इसकी 78 साल की उम्र पर मत जाइये क्योंकि आरोप संगीन हैं कि ये जैसा दिख रहा है, असल में वैसा है नहीं. ये हिंदू लड़कियों को झांसे में लेकर उन्हें मुसलमान बनाने के बड़े मज़हबी रैकेट का मास्टरमाइंड है. इसी के पीछे नसरीन भी है वो लड़की जो कभी सिंधी हिंदू थी.
छांगुर ने सबसे पहले इसे और इसके पति को ही मजहबी जाल में फंसाया था और इसे नीतू से नसरीन बनाया था. इसके बाद से धर्मांतरण के खेल में ये नसरीन ही इसका सबसे बड़ा मोहरा थी, जो हिंदू लड़कियों को फंसाकर छांगुर के पास लाती थी और फिर उनसे भी धर्म बदलवाया जाता था. अब छांगुर बाबा की धर्मांतरण की रेट लिस्ट भी सामने आई है.
ब्राह्णण लड़की के धर्मांतरण के लिए 15 से 16 लाख रुपये था फिक्स
इतना ही नहीं छांगुर ने हिंदू लड़कियों में भी ब्राह्रण, क्षत्रिय, OBC- SC-ST के हिसाब से टारगेट सेट करके उनके धर्मांतरण की रेट लिस्ट बनाई हुई थी. होटलों के रेट कार्ड की तरह धर्मांतरण की रेट लिस्ट आपने पहले नहीं सुनी होगी. जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के नेटवर्क ने इसमें ब्राह्मण लड़कियों को इस्लाम कबूल करवाने के लिये 15 से 16 लाख रुपये रेट फिक्स कर रखा था. धर्मांतरण का यही 15 से 16 लाख रुपये का रेट उसने क्षत्रिय राजपूत लडकियों को मुसलमान बनवाने के लिये तय किया हुआ था.
OBC वर्ग की हिंदू लड़की के धर्मांतरण के लिए 10 से 12 लाख था फिक्स
वहीं पिछड़ी जाति यानी OBC वर्ग की हिंदू लड़की को कोई इस्लाम में कन्वर्ट कराता है तो उसके लिये 10 से 12 लाख रुपये का रेट फिक्स किया था. अन्य हिंदू जातियों यानी SC-ST वर्ग की लड़कियों का कोई धर्मांतरण करवाता है, तो उसके लिये रेट लिस्ट में कीमत 8 से 10 लाख रुपये रखी गई थी. ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि धर्मांतरण का भी रेट कार्ड बनाया गया हो. ये रेट लिस्ट भी सवाल पैदा करती है कि हिंदू धर्मांतरण के लिये छांगुर को ऐसी कितनी विदेशी फंडिंग मिल रही थी? क्या इसी फंडिंग की बदौलत उसने दरगाह के पास ही हिंदू धर्मांतरण का करोड़ों का अवैध हेडक्वार्टर खड़ा किया था ?.
3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी
सूत्रों के मुताबिक छांगुर की धर्मांतरण गैंग ने 3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी जो सॉफ्ट टारगेट थे. दावा किया जा रहा है कि 40 हिंदुओं का धर्मांतरण करा भी चुका है. छांगुर और नसरीन को रिमांड पर लेकर यूपी ATS को इस धर्मांतरण रैकेट के सारे मंसूबे पता करने हैं. हिंदू धर्मांतरण के इस सनसनीखेज मामले में 9 आरोपी हैं, लेकिन गिरफ्तारी अभी सिर्फ 4 की हुई है. छांगुर पर यूपी ATS ने नवंबर 2024 में FIR की थी लेकिन गिरफ्तारी 5 जुलाई को हुई. जब छांगुर और नसरीन लखनऊ के स्मार्ट रूम होटल में बाप-बेटी की पहचान बताकर छिपे हुए थे.
छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए
मुंबई की हाजी अली दरगाह पर अंगूठियां बेचने वाले जलालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह उर्फ छांगुर ने कब हिंदू धर्मांतरण की साजिश शुरू की, कैसे करोड़ों का आसामी बना ये गुत्थी ED भी सुलझा रहा है. छांगुर पर विदेशी फंडिंग लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप दर्ज हैं. ED जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए थे, ये 106 करोड़ रुपये 40 अलग-अलग बैंक खातों में जमा हुए. FIR में दर्ज है कि छांगुर ने कुछ वर्षों में 100 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति बनाई है. ये पैसा धोखाधड़ी और धर्मांतरण के एवज में कमाया गया है. इन पैसों से घर, दुकानें, स्कूल और कई धार्मिक संस्थाएं बनवाई हैं. ED ने छांगुर पर आरोपों का सारा चिट्ठा यूपी ATS से ले लिया है, दुबई और शारजाह से फंडिंग की बात जांच दायरे में है. इसके लिये छांगुर के 40 खातों की डिटेल्स निकाली जा रही हैं.
दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया
मधपुर गांव में अपने अवैध अड्डे के पास इसी चांद औलिया दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया. खुद को पीर बताकर यहीं से हिदुओं को फंसाने और उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम को अपनाने के लिये बरगलाना शुरू किया था. छांगुर उर्फ़ जलालुद्दीन शिज्र-ए-तैयबा के हवाले से तकरीर करता था, चांद औलिया दरगाह पर भीड़ में ज्यादातर गरीब हिंदू दलित होते थे. छांगुर ब्रेनवॉश करता था, कहता था कि इस्लाम में ही हर दुख की दवा है. छांगुर बलरामपुर के आसपास भी कई कार्यक्रम आयोजित करता था, इन कार्यक्रमों में भीड़ जुटाकर इस्लाम कबूलने के लिये प्रेरित किया जाता था. गरीब हिंदुओं की भीड़ जुटाने में छांगुर के कई रिश्तेदारों के साथ नीतू उर्फ नसरीन का भी बड़ा रोल था. नीतू खुद के नसरीन बनने की कहानी बताकर हिंदू लड़कियों को बरगलाती थी और चमत्कार का झांसा देकर छांगुर के पास लाती थी.
ऐसे फैला रहा था धर्मांतरण का जाल
एटीएस की एफआईआर में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. बाबा ने 'शिजरा-ए-तय्यबा' नाम की किताब के जरिए दलितों, गरीबों और महिलाओं को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया. उसके धार्मिक प्रवचनों में ऐसे तत्व थे जो लोगों के मन में भ्रम और असंतोष पैदा करते थे. जांच में सामने आया है कि 3 से 4 हजार हिंदुओं को टारगेट कर वह उन्हें जबरन या लालच देकर इस्लाम में शामिल कर चुका है. इनमें करीब 1500 से ज्यादा महिलाएं थी.
40 फर्जी संस्थाएं और 100 से ज्यादा बैंक अकाउंट
ईडी की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके साथियों ने 40 से ज्यादा फर्जी एनजीओ और संस्थाएं बनाईं और उनके नाम पर 100 से अधिक बैंक खाते खोले. इन खातों में अरब देशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये अकाउंट मिडिल ईस्ट, दुबई और ओमान जैसे देशों से विदेशी चंदा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए फंड प्राप्त कर रहे थे. ईडी ने इन खातों की डिटेल्स संबंधित बैंकों से मांग ली है और जल्द ही इन सभी संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अटैच करने की तैयारी चल रही है.
100 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति
बाबा ने बहराइच, बलरामपुर, नागपुर और पुणे समेत कई शहरों में अवैध रूप से संपत्तियां खरीदीं. बिना अनुमति के कई निर्माण कार्य कराए. बलरामपुर की आलीशान कोठी को जिला प्रशासन ने 30 घंटे की कार्रवाई के बाद जमीनदोज़ कर दिया. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह कोठी सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी.
स्विस बैंक से दुबई तक फैला नेटवर्क
ईडी और एटीएस को छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा की गतिविधियों पर भी शक है. नवीन कुछ समय पहले दुबई से लौटकर बलरामपुर में ज़मीनें खरीद रहा था. जांच में पता चला है कि उसके खातों में करोड़ों की विदेशी रकम ट्रांसफर हुई और यही पैसे बाद में बाबा, नीतू और महबूब के खातों में भेजे गए. स्विस बैंक में भी नवीन का खाता होने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच अब इंटरनेशनल एजेंसियों के सहयोग से आगे बढ़ेगी.
ट्रेनिंग देता था अब्दुल मोहम्मद राजा
छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा भी जांच के दायरे में है. जानकारी के मुताबिक, वह न सिर्फ बाबा को धर्मांतरण के तरीके समझाता था बल्कि लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग भी देता था. इसका उद्देश्य था कि लड़की किसी मुस्लिम युवक के प्रेमजाल में फंसकर आसानी से धर्म बदल ले. अब्दुल के बैंक खातों में भी करोड़ों का लेनदेन हुआ है. एटीएस अब उसकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है.
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल की जांच तेज
ईडी ने बाबा के पिछले छह महीने के आयकर रिटर्न की जानकारी आयकर विभाग से मांगी है. मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार, डिवाइसों में धर्मांतरण से जुड़ी वीडियो, संपर्क सूत्र और लेन-देन का पूरा डाटा मिलने की संभावना है.
धर्मांतरण के पीड़ितों को पहचानने में जुटी एटीएस
धर्मांतरण रैकेट खोलने की शुरुआत एसटीएफ ने की थी, लेकिन पुख्ता सबूत मिलने पर जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई. अब एटीएस धर्मांतरण के शिकार लोगों को चिन्हित कर रही है. हालांकि, एक बड़ी बाधा यह है कि अधिकांश पीड़ित आज भी बाबा के खिलाफ बोलने से डरते हैं.
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