भोपाल
लोको पायलट ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस वजह से कई बार उनके स्वजन आपातकाल में भी उनसे संपर्क नहीं कर पाते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए रेलवे ने एक नई पहल की है।
अब रनिंग स्टाफ के परिजन इमरजेंसी स्थिति में विशेष फोन सुविधा के जरिए अपना संदेश कंट्रोल रूम को बताएंगे। कंट्रोल रूम वॉकी टॉकी के माध्यम से यह सूचना संबंधित कर्मचारी तक पहुंचाएगा।
(बड़ी संख्या में महिला लोको पायलट भी सेवाएं दे रही हैं।)
पश्चिम मध्य रेलवे में सबसे पहले भोपाल मंडल में सुविधा
रेलवे अब प्रत्येक जोन और मंडल स्तर पर एक विशेष इमरजेंसी नंबर शुरू कर रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे में सबसे पहले भोपाल मंडल ने इस सुविधा को लागू किया है। भोपाल मंडल में इसका हेल्पलाइन नंबर 07552470031 है, जो सभी रनिंग स्टाफ और उनके परिवारों को उपलब्ध कराया गया है।
बताया गया है कि कोई जरूरी बात बताने के लिए इस नंबर पर बात कर संदेश छोड़ा जा सकता है। रेलवे ने इस प्रक्रिया को इस प्रकार डिजाइन किया है कि संदेश सुरक्षित और समय पर संबंधित लोको पायलट तक पहुंचे।
इसके लिए रनिंग स्टाफ की ड्यूटी और वर्तमान लोकेशन से जुड़े डेटा का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे सही व्यक्ति तक संपर्क साधना आसान हो सके।
इस तरह पहुंचेगा संदेश
यह कॉल संबंधित कंट्रोल ऑफिस तक में दर्ज की जाएगी। संबंधित स्टेशन मास्टर या कंट्रोल अधिकारी उस संदेश को लोको पायलट तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे। संदेश अगले पड़ाव स्टेशन पर या ट्रेन के ब्रेक प्वाइंट पर मौजूद अधिकारी द्वारा लोको पायलट को व्यक्तिगत रूप से दिया जाएगा।
हमारे लोको पायलट और गार्ड रनिंग ड्यूटी में होते हैं, जहां उनका नेटवर्क बंद रहता है। ऐसे में उनके परिवार को कोई संदेश देने में परेशानी होती है। इस आपातकालीन नंबर के जरिये ऐसे जरूरी संदेश उन तक आसानी से पहुंच जाएंगे। इससे उनकी मानसिक शांति भी बनी रहेगी। – नवल अग्रवाल, पीआरओ, भोपाल रेल मंडल

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