November 11, 2025

DK पर दबाव बढ़ा, RSS प्रार्थना के बाद हाईकमान से ऐक्शन की मांग; सिद्धारमैया समर्थक बढ़त में

बेंगलुरु 

कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता संघर्ष नई बात नहीं है, लेकिन अब आरएसएस की प्रार्थना के चलते पार्टी में मतभेद है। डिप्टी सीएम शिवकुमार ने श्रद्धा भाव के साथ आरएसएस की प्रार्थना की दो पंक्तियां विधानसभा में पढ़ दी थीं। इसी को लेकर कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं। यही नहीं कोई डीके शिवकुमार से माफी की मांग कर रहा है तो किसी ने हाईकमान से ऐक्शन की बात ही उठा दी है। डीके शिवकुमार ने नेता विपक्ष आर. अशोक से बातचीत के दौरान आरएसएस की ओर से राज्य में स्कूलों और कई सामाजिक संस्थाएं खोलने का जिक्र करते हुए तारीफ की थी। इसके अलावा आरएसएस की प्रार्थना की भी दो पंक्तियां सुनाई थीं।

अब इस मामले में वह पार्टी के अंदर ही घिर गए हैं। राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकिहोली का कहना है कि हाईकमान और सीएम सिद्धारमैया के ऊपर है कि वह डीके शिवकुमार पर इस हरकत के लिए क्या ऐक्शन लेते हैं। इसके अलावा एमएलसी बीके हरिप्रसाद का कहना है कि डीके शिवकुमार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवकुमार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। कम से कम यह स्पष्ट होना चाहिए कि उन्होंने पार्टी नेता के तौर पर नहीं बल्कि निजी स्तर पर यह प्रार्थना पढ़ी थी। वहीं जरकिहोली ने कहा कि हम अपने स्तर पर तो कुछ नहीं कर सकते। इस मामले में हाईकमान को ही फैसला लेना है।

इस मामले के चलते सिद्धारमैया कैंप को भी हावी होने का मौका मिल गया है, जो डीके शिवकुमार की सीएम पद की दावेदारी को लेकर असहज रहा है। जरकिहोली को भी सिद्धारमैया खेमे का नेता माना जाता है। उन्होंने कहा कि यह सवाल तो उठता ही है क्या शिवकुमार ने जो किया, वह राहुल गांधी की लाइन पर है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों को डीके शिवकुमार समझते ही नहीं हैं। उम्मीद है कि वह कुछ सीखेंगे। हालांकि जरकिहोली ने एक दिन पहले ही डिप्टी सीएम का बचाव भी किया था। उन्होंने कहा था कि आरएसएस की प्रार्थना तो मैं भी पढ़ लूंगा। लेकिन क्या वे मुझे सीएम बना देंगे?

यही नहीं उन्होंने कहा था कि हमेशा किसी का विरोध ही नहीं किया जा सकता। यह कहना सही नहीं है कि आरएसएस की प्रार्थना पढ़ ली तो अब डीके शिवकुमार भाजपा में ही शामिल हो जाएं। इसमें कुछ गलत नहीं है। वह सब जानते हैं। हमारे पास हमेशा काउंटर इंटेलिजेंस होना चाहिए। यानी विरोधी खेमे के बारे में भी पता होना चाहिए। वहीं हरिप्रसाद ने कहा कि डीके शिवकुमार को जो करना है करें। लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने जो किया है, वह गलत था। हम इसका विरोध करते हैं।

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