
भोपाल
बिजली कंपनी के मनमाने बिल से परेशान उपभोक्ताओं के लिए उपभोक्ता आयोग ने उम्मीद जगाई है। भोपाल के एक उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने बिजली मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 15 हजार रुपया हर्जाना चुकाने का आदेश दिया है।
औसत से पांच गुना ज्यादा आया बिल
दरअसल, हुजूर के मोरगा गांव निवासी नीलेश जोशी ने वर्ष 2022 में जिला उपभोक्ता आयोग में बिजली कंपनी के खिलाफ याचिका लगाई। उनका कहना था कि उनके घर में बिजली के सीमित उपकरण हैं। प्रत्येक माह उनका बिजली बिल 300 रुपये से 500 रुपये तक ही आता रहा है। मई 2022 में उनका बिल 1480 रुपये आया।
शिकायत की, लेकिन कार्यवाही नहीं
परेशान होकर उन्होंने कंपनी में गलत रीडिंग की शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। बिजली कंपनी का तर्क था कि उपभोक्ता के यहां कभी भी विद्युत आपूर्ति कम नहीं की गई। बिजली खपत के अंतर के कारण बिल में बढ़ोत्तरी हुई है। उपभोक्ता को बिल मीटर रीडिंग और उपयोग के अनुसार ही दिया गया है।
नया बिल जारी करने का आदेश
उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और प्रीति मुद्गल की बेंच ने कंपनी के तर्क को मानने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि उपभोक्ता की शिकायतों के संबंध में कार्यवाही न कर कंपनी ने सेवा में कमी की है। इस कारण वे वास्तविक खपत के साथ नया बिल जारी करें। मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 15 हजार रुपये भी देने का आदेश हुआ।
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