अब 2000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों के लिए भी बनेगा मास्टर प्लान: ग्रामीण विकास को नई दिशा

भोपाल 

मध्य प्रदेश के 2000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों को आदर्श गांव बनाने के लिए जल्द ही एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. इसके लिए संभागों से 5-5 गांवों का चयन किया गया है.

प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि इस योजना के तहत पहले चरण में राज्य के संभागों से 5-5 गांवों का चयन किया गया है, जिन्हें आदर्श गांवों के रूप में विकसित किया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान का उद्देश्य 2000 से अधिक आबादी वाले गांवों का विकास करना है ताकि विकास का प्रवाह अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक पहुंच सके. इस योजना का उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों की पहचान करना है जहां विकास को लागू करके बदलाव लाया जा सके.

इस मामले पर बात करते हुए पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश के गांवों को लेकर मास्टर प्लान का उद्देश्य 2,000 से अधिक आबादी वाले गांवों को विकसित करना है। इस मास्टर प्लान की विकास की धारा अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रयास ऐसे क्षेत्रों की पहचान करना है जहां विकास को अमली जामा पहना कर परिवर्तन लाया जा सके। इन गांवो के विकास के लिए सरकार की तरफ से मास्टर प्लान बनाकर इनका विकास किया जाएगा। इससे लोगों को काफी सुविधाएं मिल जाएंगी

मंत्री ने कहा कि दो हजार से अधिक की आबादी वाले गांवों की पहचान होनी है ताकि उन्हें आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पांच संभाग से पांच गांव लिए गए हैं, जिनमें इंदौर का परवलिया, उज्जैन का चिंतामन जवासिया, ग्वालियर का बदरवास, जबलपुर का बरमान और सागर का मडियादो शामिल हैं। पटेल ने कहा कि इन गांवों को आदर्श के तौर पर विकसित किया जाएगा ताकि अन्य गांवों के लिए योजना बनाने में सुविधा हो।

प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि 2000 से अधिक आबादी वाले गांवों की पहचान की जानी है ताकि उन्हें आदर्श गांवों के रूप में विकसित किया जा सके.

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पांच संभागों से 5 गांवों को चुना गया है. इनमें इंदौर का परवलिया, उज्जैन का चिंतामन जवासिया, ग्वालियर का बदरवास, जबलपुर का बरमान और सागर का मड़ियादोह.

उन्होंने कहा कि इन गांवों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि अन्य गांवों के लिए योजना बनाना आसान हो सके. 

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