
बलरामपुर
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में विवादों में घिरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के नजदीकी लोगों पर सुरक्षा एजेंसियां लगातार शिकंजा कस रही हैं। गुरुवार देर रात 1 बजे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उनके भतीजे मोहम्मद सब्रोज को गिरफ्तार कर लिया। सब्रोज उतरौला थाना क्षेत्र के रेहरा माफी गांव का निवासी है, जहां छांगुर बाबा ने अपनी पत्नी को 2 बार चुनाव लड़वाया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ की टीम गुरुवार रात लगभग 1 बजे उतरौला बस स्टॉप पर पहुंची, जहां सब्रोज मोटरसाइकिल पर खड़ा था। टीम ने उसे रोककर पूछताछ शुरू की और मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। मोहम्मद सब्रोज का नाम पहले से ही एटीएस की एफआईआर में दर्ज था। इस गिरफ्तारी के बाद छांगुर बाबा के नेटवर्क के अन्य सहयोगियों के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। एसटीएफ पूरे मामले की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है।
एटीएस गवाह पर हमला
इससे पहले अवैध धर्मांतरण के मामले में बयान ना बदलने पर छांगुर बाबा के गुर्गों ने एटीएस के गवाह हरजीत कश्यप पर हमला किया था। हरजीत को बुरी तरह से पीटा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरजीत कश्यप ग्राम रसूलाबाद के निवासी हैं और उन्होंने छांगुर पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया था। हरजीत के अनुसार, छांगुर के गुर्गों रियाज, कमालुद्दीन और नव्वाब ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि रसूलाबाद गांव पाकिस्तान जैसा है, और यहां रहकर मुसलमानों से बगावत करने पर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। साथ ही धमकी दी कि योगी सरकार के बाद उनकी कार्रवाई की जाएगी।
बयान देने के बाद हुई मारपीट
हरजीत ने बताया कि उन्होंने 3 जुलाई को लखनऊ में छांगुर बाबा के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में बयान दिया था। इसके बाद 7 जुलाई को वे दवा लेने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जा रहे थे, तभी उतरौला चौराहा के पास तीनों आरोपियों ने उन्हें रोककर पीटना शुरू कर दिया और 24 घंटे के अंदर लखनऊ जाकर बयान बदलने की धमकी दी। प्रभारी निरीक्षक उतरौला कोतवाली अवधेश राज सिंह ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
छांगुर के करीबी की तलाश
एटीएस की टीम बीते मंगलवार रात गोंडा के धानेपुर क्षेत्र के रेतवागाड़ा गांव में छांगुर बाबा के एक करीबी की तलाश में पहुंची। जांच के दौरान रमजान नाम के शख्स का नाम सामने आया। वह कव्वाली कार्यक्रमों में ढोलक बजाता था और इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात छांगुर से हुई थी। कहा जाता है कि छांगुर ने रमजान को धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। ग्रामीणों के अनुसार रमजान की 2024 में मौत हो गई। एटीएस ने रमजान के नाम वाले एक अन्य व्यक्ति के बारे में भी जानकारी जुटाई है। प्रशासन इस पूरे मामले में सतर्क है और छांगुर बाबा के खिलाफ कार्रवाई तेज कर रहा है।
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