सागर
इस साल की कार्तिक पूर्णिमा सागर के इतिहास में दर्ज होने जा रही है. आज बुधवार को यहां पर पहली बार वाराणसी की तर्ज पर देव दीपावली का आयोजन किया जा रहा है. खास बात ये है कि लाखा बंजारा झील के प्रसिद्ध घाट, जहां प्राचीन मंदिर स्थित है. वहां पर देव दीपावली का आयोजन किया जा रहा है. यहां एक साथ एक लाख 11 हजार 111 दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. नगर निगम की ये पहल लाखा बंजारा झील के प्रति शहर के लोगों के प्रेम के साथ-साथ घाटों पर बने मंदिर की धार्मिक आस्था को एक नया स्वरूप देना है.
सागर में पहली बार ऐसा आयोजन
सागर की लाखा बंजारा झील का स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा जीर्णोद्धार के बाद यहां हर सोमवार को गंगा आरती का आयोजन किया जाता है. जिसमें शहर के लोग बड़ी संख्या में सहभागिता करते हैं और अपनी झील को गंगा की तरह सम्मान देते हैं. अब पहली बार सागर नगर निगम झील के चकराघाट, विट्ठल घाट और भट्ट खाट पर देव दीपावली का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा को करने जा रहा है.
1 लाख 11 हजार 111 दीपों से रोशन होगा चकराघाट
खास बात ये है कि, ये देव दीपावली वाराणसी की तरह आयोजित होगी और इसमें नगर निगम द्वारा एक लाख 11 हजार 111 दीप घाटों पर प्रज्वलित किए जाएंगे. नगर निगम आयुक्त का मानना है कि देव दीपावली के आयोजन से सागर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के इतिहास में एक नयी उपलब्धि जुडे़गी. काशी की तरह लाखा बंजारा झील का ये आयोजन शहर के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार होगा.
आमजनों से आटे के दीपक लाने की अपील
नगर निगम द्वारा आयोजित देव दीपावली में 1 लाख 11 हजार 111 मिट्टी के दीपकों की व्यवस्था की गयी है. साथ ही साथ नगर के लोगों से अपील की गयी है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में देव दीपावली मनाने के लिए पहुंचे और अपने साथ एक आटे का दीपक लाएं, ताकि आयोजन में शहरवासियों की सहभागिता हो. नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री कहते हैं कि, ''वाराणसी पर गंगा के घाटों पर लाखों दीप जलाकर देव दीपावली मनायी जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नगर निगम लाखा बंजारा झील पर ये आयोजन कर लोगों को देव दीपावली की परंपरा से जोडने की पहल कर रहा है.''

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