
दुबई
ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर हो चुका है। हालांकि सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने इजरायल के 3 जासूसों को मौत की सजा सुना दी है। ईरान अदालत ने तीनों का कनेक्शन इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद से पाया, जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा दे दी गई है। ईरान की न्यूज के अनुसार, तीन लोगों पर मोसाद के लिए जासूसी करने और ईरान में हत्या के लिए हथियर मुहैया करवाने का आरोप था। तीनों पर लगा यह आरोप जांच में सच साबित हुआ और उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई।
इजरायल के जासूसों की तलाश में ईरान
ईरान और इजरायल का तनाव बेशक रुक गया है। मगर ईरान देश में मौजूद इजरायली एजेंट्स का पता लगाने में जुटा है। ईरान ने पहले भी मोसाद के लिए काम करने वाले कई जासूसों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।
ईरान में बिछा है मोसाद का खुफिया जाल
बता दें कि 12 दिनों के लंबे संघर्ष के बाद बीते दिन ईरान और इजरायल सीजफायर के लिए माने हैं। हालांकि, मिडिल-ईस्ट में हालात अभी भी नाजुक बने हुए हैं। इजरायली हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों और परमाणु वैज्ञानिकों समेत सैन्य कमांडरों की मौत हो गई थी। आसमान से गिरी इजरायल की मिसाइलों ने सभी को चुन-चुन कर निशाना बनाया था, जिसके बाद से ईरान में मोसाद के खुफिया जाल की चर्चा हो रही थी। ऐसे में ईरान भी अब एक्टिव हो चुका है और वो देश में छिपे सभी जासूसों की तलाश में है।
300 से ज्यादा लोगों को मिली मौत की सजा
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी मीजान के अनुसार, कई लोगों ने इजरायल के लिए जसूसी करते हुए ईरान की संवेदनशील जानकारियां मोसाद को साझा की हैं। यही नहीं, देश के अलग-अलग कोनों में संवेदनशील उपकरण भी तस्करी किए गए, जिनकी मदद से इजरायल ने ईरान के टॉप अधिकारियों की हत्या की। तेहरान की मीडिया के अनुसार, इजरायल से तनाव शुरू होने के बाद ईरान लगभग 300 से ज्यादा लोगों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा दे चुका है।
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