
इंदौर
प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर के नगर निगम ने एक नई डिजिटल पहल की शुरुआत की है। इसके तहत शहर के हर घर को एक डिजिटल पता मिलेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को सिटी बस कार्यालय के सभागार में एक बैठक आयोजित हुई। डिजिटलाइजेशन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए इंदौर नगर निगम ने अब शहर में हर घर को डिजिटल पता देने की तैयारी कर ली है। अब शहर में हर घर को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान दी जाएगी। मकान के बाहर एक शीट चिपकाई जाएगी। इस पर एक खास क्यूआर कोड होगा।
इस क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस मकान से जुड़ी संपत्ति कर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, कचरा संग्रहण और अन्य सेवाओं की जानकारी मिलेगी। यह व्यवस्था वार्ड 82 में इस माह के अंत तक शुरू हो जाएगी। इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से निगम के अन्य वार्डों में लागू किया जाएगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पिछले वर्ष के निगम बजट में शहर को डिजिटलाइज करने की बात कही थी। इसके बाद से इस बात की कोशिशें चल रही थीं। डिजिटलाइजेशन के अभियान के तहत निगम शहर में हर भवन के बाहर क्यूआर कोड लगाने जा रहा है। पहले चरण में वार्ड 82 में इसकी शुरुआत होगी।
मकान के बाहर क्यूआर कोड लगा होने का फायदा निगम और भवन स्वामी दोनों को मिलेगा। कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन कर यह पता लगा सकेगा कि मकान का संपत्तिकर जमा है या नहीं, कचरा संग्रहण कर नियमित जमा हो रहा है या नही।
इसी तरह से उक्त पते पर जारी किए गए प्रमाण पत्रों की जानकारी भी क्यूआर कोड से मिल सकेगी। निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों को क्यूआर कोड स्कैन करते ही भवन की जानकारी मिल जाएगी। उन्हें पुराने रिकार्ड साथ नहीं ले जाने पड़ेंगे।
पूरे शहर में लागू करने की कोशिश होगी तेज
बैठक के दौरान महापौर ने इंदौर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना को शीघ्र पूर्ण कर पूरे शहर में लागू किया जाए। इस डिजिटल पहल को डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम मानते हुए महापौर ने कहा कि यह शहरवासियों को पारदर्शी, सुलभ और स्मार्ट सेवाएं प्रदान करेगा।
हर घर को मिलेगा डिजिटल पता
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, "हमने जो ऐप तैयार किया है, उसके जरिए हर घर का डिजिटल पता सुनिश्चित किया जाएगा। इससे नागरिकों को नगर निगम से संबंधित सभी जानकारी एक ही जगह मिल सके। पहले प्रयास के रूप में, वार्ड 82 में इस योजना को लागू किया जाएगा और हम इसे शीघ्र पूरा करने का प्रयास करेंगे।
महापौर ने यह भी बताया कि एप के माध्यम से नागरिक कचरा संग्रहण के लिए गाड़ी को बुला सकेंगे। एक रिक्वेस्ट भेजने पर निगम की टीम घर पर कचरा उठाने के लिए पहुंच जाएगी। हालांकि, कचरा उठाने के लिए शुल्क तय किया जाएगा, जो अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
मकानों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे
हमने मकानों के बाहर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी कर ली है। इस माह के अंत तक वार्ड 82 से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे शहर में मकानों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। निगम की यह पहल शहरवासियों को पारदर्शी, सुलभ और स्मार्ट सेवा प्रदान करेगी। जल्द ही हम एप के माध्यम से कचरा संग्रहण के लिए गाड़ी बुलाने की शुरुआत भी करेंगे। – पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर
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