
इंदौर
आठवें वर्ष इंदौर को स्वच्छता में सिरमौर बनाने वाले सफाईकर्मियों को वेतनवृद्धि का उपहार मिला है। स्वच्छता के लिए पसीना बहाने वाले सफाई मित्रों को हर माह एक हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। स्वच्छता की ट्राफी लेकर दिल्ली से इंदौर पहुंचे महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने यह घोषणा की। नगर निगम इंदौर से जुड़े सभी 7500 सफाई कर्मियों को पुरस्कार के रूप में यह अतिरिक्त राशि वेतन के साथ दी जाएगी। स्वास्थ्य मद में राशि प्रदान की जाएगी ताकि शहर को साफ रखने वाले कर्मचारी स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए इस राशि को खर्च कर सकें।
आठवीं बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने के बाद शुक्रवार को नगर निगम की टीम इंदौर लौटी तो राजवाड़ा से छप्पन दुकान तक जश्न मनता दिखा। स्वच्छतम शहर के नववर्ष प्रवेश को यादगार बनाते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सफाई मित्रों को स्वास्थ्य सुरक्षा के रूप में वेतनवृद्धि का उपहार देने की घोषणा कर दी।
जीत का साफा बांधे महापौर व जनप्रतिनिधियों ने राजवाड़ा पर देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर महापौर ने ऐलान किया कि निगम के सफाई मित्रों को एक हजार रुपये प्रति माह स्वास्थ्य मद में दिए जाएंगे।
स्वच्छता के लिए जोखिम, इसलिए ईनाम
स्वच्छता के लिए जुटने वाले निगम के सफाई कर्मी सीवेज, ड्रेनेज से लेकर ठोस अपशिष्ट के बीच काम करते हैं। ऐसे में शहर को सफाई देने वाले इन कर्मचारियों को हमेशा संक्रमण और बीमारियों के जोखिम के बीच काम करना पड़ता है। इससे पहले इंदौर ने जब भी स्वच्छता के पुरस्कार को हासिल किया तो सफाईकर्मियों को बोनस देने जैसी घोषणाएं हुईं। अब जब इंदौर स्वच्छता सुपरलीग का चैंपियन बना तो पहली बार उनके स्वास्थ्य को केंद्र में रखते हुए प्रति माह वेतन के साथ स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अतिरिक्त राशि देने की पहल नगर निगम ने की है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जल्द से जल्द सफाई मित्रों को उनके वेतन के साथ स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अतिरिक्त रूप से यह राशि मिलने लगेगी, घोषणा कर दी है तो इसमें किसी तरह का संशय नहीं है। अतिरिक्त भुगतान को लेकर नगर निगम और शासन स्तर पर औपचारिकताएं और आवश्यक प्रक्रिया जल्द ही कर ली जाएंगी।
प्रतिस्पर्धा कठिन थी, इस बार थे 4,775 निकाय
शुक्रवार सुबह दिल्ली से स्वच्छता का पुरस्कार लेकर लौटे महापौर के साथ निगमायुक्त शिवम वर्मा का विमानतल पर ही स्वागत हुआ। विमानतल के बाहर महिला सफाई मित्र ढोल की थाप पर झूमती नजर आईं। विजय रथ में सवार होकर महापौर ने स्वच्छता की सुनहरी ट्राफी थामी और जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के साथ स्वच्छता का काफिला राजवाड़ा पर पहुंचा। यहां आयोजित समारोह की अग्रिम पंक्ति में सफाई मित्रों को बैठाया गया।
महापौर भार्गव ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के शुरुआती वर्ष में 77 नगरीय निकायों ने प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया था। अब स्पर्धा में शामिल निकायों की संख्या बढ़कर 4775 के पार पहुंच गई। ऐसे में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और प्रतियोगिता कड़ी हो गई थी। इसमें न केवल इंदौर ने परचम लहराया बल्कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन के साथ प्रदेश के आठ शहर सर्वेक्षण में उच्च स्थान पर आए।
वाराणसी में सफाई की जिम्मेदारी उठाएगा इंदौर
इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, विधायक रमेश मेंदोला, महेन्द्र हार्डिया, मधु वर्मा के साथ पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, निगम सभापति मुन्नालाल यादव व महापौर परिषद के सदस्यों ने भी अहिल्या प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। सांसद लालवानी ने इंदौर को बधाई दी तो भाजपा अध्यक्ष मिश्रा ने कहा कि इंदौर अपने शहर के साथ ही अब वाराणसी जैसी पवित्र नगरी की भी सफाई की जिम्मेदारी उठाएगा।
यह हमारे लिए गौरव की बात है। आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि निगम के सफाई मित्रों व स्वच्छता टीम के प्रयासों से इंदौर ने सफलता हासिल की है। देर शाम स्वच्छ शहर का उल्लास छप्पन दुकान पर भी नजर आया। महापौर व अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में छप्पन पर जमकर आतिशबाजी की गई। स्वच्छता मुहिम में आगे बढ़कर डिस्पोजेबल फ्री बनने वाले छप्पन दुकान के व्यापारी-दुकानदारों ने भी स्वच्छता के जश्न में मिठाई बांटकर भागीदारी की।
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