याचिका लगाने वाले 75 छात्रों को छोड़कर शेष का परिणाम 14 जून को आना संभव, दोबारा नहीं होगी नीट यूजी

इंदौर
नीट यूजी दोबारा नहीं होगी, सोमवार को यह स्पष्ट हो गया। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) 14 जून को नीट यूजी का परिणाम घोषित कर देगी। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई में एनटीए को याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों के परिणाम छोड़कर शेष का परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी। याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों के मामले में 16 जून को अंतिम बहस होगी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि मामले का अंतिम निराकरण होने तक एमबीबीएस की 75 सीटें आरक्षित रखी जाएं, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि 14 जून को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद काउंसलिंग शुरू नहीं होगी, इसलिए सीटें आरक्षित रखने का कोई मतलब नहीं। वैसे भी कोर्ट 16 जून को अंतिम सुनवाई कर ही रही है। चार मई को पूरे देश में एक साथ आयोजित हुई नीट यूजी के लिए इंदौर में 49 सेंटर बनाए गए थे। परीक्षा के दिन इंदौर में मौसम बदला और जोरदार बारिश के चलते पूरे शहर में बिजली गुल हो गई। परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। कई परीक्षा केंद्र में अंधेरा छा गया और परीक्षार्थियों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देना पड़ी।
 
आधा घंटा चली बहस, कोर्ट ने दी परिणाम घोषित करने की अनुमति
सोमवार को न्यायमूर्ति पवन कुमार द्विवेदी के समक्ष याचिकाओं की सुनवाई हुई। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि घोषित परीक्षा कार्यक्रम के हिसाब से एनटीए को 14 जून को नीट यूजी का परिणाम जारी करना है, लेकिन कोर्ट ने इंदौर के प्रभावित सेंटरों के 8790 परीक्षार्थियों के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा रखी है। इस वजह से पूरा परीक्षा परिणाम अटक रहा है। हम कोर्ट से प्रार्थना करते हैं कि वह याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों को छोड़कर शेष सभी परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दे। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट नीतिन भाटी, मृदल भटनागर ने इसका विरोध किया और मांग की कि एनटीए को परिणाम घोषित करने की अनुमति दी जाती है तो याचिकाकर्ताओं के हित में 75 सीटें आरक्षित रखी जाएं। मामले में करीब आधा घंटा बहस चली।

याचिकाकर्ता ऐसे भी जिनका कुछ लेना-देना नहीं
सुनवाई के दौरान ही कोर्ट को बताया गया कि कुछ ऐसे छात्रों ने भी याचिका दायर कर दी है जिनका अव्यवस्था से कुछ लेना देना नहीं है। इन याचिकाकर्ताओं के परीक्षा केंद्र पूरी तरह से अप्रभावित थे, लेकिन सिर्फ परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग लेकर वे कोर्ट में आ गए हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने एनटीए से कहा कि वह याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों को छोड़कर शेष का परिणाम घोषित करने के लिए स्वतंत्र है।

शीघ्र सुनवाई की जाए, हमें अपील भी करना पड़ सकती है
याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट भटनागर ने मांग की कि मामले में शीघ्रता से सुनवाई की जाए। वर्तमान में याचिकाओं की सुनवाई एकल पीठ के समक्ष चल रही है। अगर हमें यहां राहत नहीं मिली तो हमें अपील दायर करना पड़ सकती है। इसमें समय लगेगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम मामले में 16 जून को अंतिम सुनवाई कर लेंगे।

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