उज्जैन
सावन के पवित्र महीने में आज एकादशी के शुभ अवसर पर उज्जैन में बाबा महाकाल की दूसरी सवारी धूमधाम से निकल रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह सवारी न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण भी है।
उन्होंने कहा कि हम सबके रोम-रोम में बाबा महाकाल समाए हुए हैं। बाबा महाकाल की सवारी जब निकलती है तो लौकिक रूप से निराकार से साकार को धारण करती है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे प्रदेश, देश और सनातन संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बाबा महाकाल की दूसरी सवारी
आज सावन का दूसरा सोमवार है और कामिका एकादशी भी है। इस अवसर पर उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी निकल रही है। श्रावण सोमवार के दिन महाकाल के दर्शन और पूजन का विशेष महत्व होता है। बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस दौरान सवारी के मार्ग को भव्य रूप से सजाया गया है और भक्तगण श्रद्धापूर्वक इसमें शामिल होते हैं। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देता है।
मुख्यमंत्री ने दी मंगलकामनाएं
आज के दिन सीएम मोहन यादव ने सभी को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि ‘सावन का महीना है एकादशी का दिन है। एकादशी का पर्व मतलब हमारी शुचिता के साथ आत्मा से परमात्मा के बीच संबंध जोड़ने के संकल्प का दिन भी है। सौभाग्य की बात है कि आज बाबा महाकाल की दूसरी सवारी का भी दिन है। जैसे तिरूपति बालाजी का, जगन्नाथ जी का उनकी यात्राओं के माध्यम से धार्मिक पर्यटन के द्वारा उन राज्यों ने अपनी पहचान बनाई है..वैसे ही हमने भी बाबा महाकाल की सवारी को धार्मिक पर्यटन के माध्यम से और वृहद रूप दे रहे हैं। हम सबके रोम-रोम में बाबा महाकाल समाए हुए हैं। बाबा महाकाल की सवारी निकलती है तो लौकिक रूप से आज निराकार से साकार को धारण करते हैं। ये दिन हमारे प्रदेश देश और सनातन संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह धार्मिक आयोजन के साथ ही आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण है।’

More Stories
रीवा–भोपाल सुपरफास्ट ट्रेन का इंजन धधका, इटारसी स्टेशन पर अफरातफरी
देर रात भूकंप से हिली रतलाम की धरती, तहसीलदार ने मुआयना किया
सरकारी स्कूल से DSP तक: पूजा जाट की सफलता की कहानी