नई दिल्ली
एयर इंडिया में शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग की समस्या अब भी जारी है। रेगुलेटर ने इस मुद्दे पर 5 महीने पहले ही फटकार लगाई थी। ताजा मामले में, एक को-पायलट और एक सीनियर कैप्टन को फ्लाइंग ड्यूटी से हटा दिया गया है, क्योंकि एयरलाइन को पता चला कि पिछले महीने उन्होंने एक-एक फ्लाइट ऑपरेट की थी। एक केस में इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी (ELP) लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था। दूसरे में को-पायलट ने बाय-एनुअल पायलट प्रोफिशिएंसी चेक (PPC) – इंस्ट्रूमेंट रेटिंग टेस्ट क्लियर नहीं किया था। DGCA इन खामियों की जांच कर रहा है और एयरलाइन से रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, को-पायलट अपना लेटेस्ट IR-PPC चेक क्लियर नहीं कर पाया था। ये कोई बड़ी अनोखी बात नहीं है, लेकिन पायलट्स को फिर से उड़ान भरने से पहले मैंडेटरी करेक्टिव ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। इस केस में एयरबस A320 को-पायलट ने बिना ट्रेनिंग के फ्लाइट ऑपरेट कर दी और इस गलती को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'फर्स्ट ऑफिसर का ट्रेनिंग चेक में अनसैटिस्फैक्टरी परफॉर्मेंस के बाद फ्लाइट ऑपरेट करने का केस पकड़ा गया। जैसे ही यह गलती नोटिस हुई, क्रू शेड्यूलर और पायलट को ऑफ-रोस्टर कर दिया गया। आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और DGCA को रिपोर्ट कर दिया गया है।'
लाइसेंस एक्सपायर होने के बावजूद भरी उड़ान
दूसरे केस में, सीनियर कमांडर ने ELP लाइसेंस एक्सपायर होने के बावजूद A320 फ्लाइट का पायलट-इन-कमांड रहते हुए ऑपरेट किया। ELP लाइसेंस पायलट्स के लिए उड़ान भरने की बेसिक रिक्वायरमेंट है। एयर इंडिया की ओर से कहा गया, 'सीनियर पायलट का एक्सपायर्ड ELP के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने का केस सामने आया। इसके बाद पायलट को ऑफ-रोस्टर कर दिया गया और जांच चल रही है। DGCA को रिपोर्ट कर दिया गया है।' सीनियर पायलट्स का कहना है कि ये खामियां एआई में ओवरसाइट पर सवाल उठाती हैं कि सिर्फ सही पायलट्स ही रोस्टर पर आएं।

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