November 11, 2025

AFMS का नया कदम: पहाड़ों में दवा पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक पर विचार

पुणे
सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) की महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने कहा कि एएफएमएस पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में रक्त की थैलियों, दवाओं और अन्य चिकित्सा सामग्री पहुंचाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना तलाश रहा है।

सरीन ने यह भी कहा कि एएफएमएस ने उन सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों की स्वास्थ्य जरूरतों का जिम्मा संभाला है जो वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए ' एक्सिओम-4' मिशन का हिस्सा हैं।

वाइस एडमिरल सरीन शनिवार को पुणे स्थित सशस्त्र सेना चिकित्सा महाविद्यालय (एफएफएमसी) में पांच मेडिकल कैडेट्स की पासिंग आउट परेड के मौके पर आयोजित समारोह से इतर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि एएफएमएस स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए टेलीमेडिसिन, कृत्रिम मेधा (एआई), और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों को जोड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ''हम रक्त की थैलियों, दवाओं और अन्य चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं। दरअसल, हम उस दिन की उम्मीद कर रहे हैं जब आपात स्थिति में मरीजों को निकालने (मेडिकल इवैक्यूएशन) का काम भी ड्रोन की मदद से किया जा सकेगा।'' उन्होंने कहा कि यह तकनीक फिलहाल प्रायोगिक परियोजना के तौर उन दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है, जहां पहुंचना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, ''ऐसी प्रौद्योगिकी पहले से ही गैर-सैन्य एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है।'' एएफएमसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल पंकज राव ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में रोकथाम से लेकर इलाज तक, हर स्तर पर प्रौद्योगिक प्रगति को अपनाया जा रहा है।

'एक्सिओम-4' मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर वाइस एडमिरल सरीन ने कहा कि एएफएमएस इस मिशन के सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की जिम्मेदारी संभाल रहा है।

 

Spread the love