
नई दिल्ली
अब आपके सारे डिजिटल डेटा पर सरकार की नजर रहेगी। आपको बिना बताए ईमेल से लेकर सोशल मीडिया पर सरकार पहुंच सकेगी। इसे लेकर एक नया कानूनी नियम आने वाल है। यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इस नए कानून के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका सोशल मीडिया अकाउंट्स, ईमेल्स, बैंक अकाउंट्स और ट्रेडिंग अकाउंट्स को एक्सेस कर पाएगा। आयकर विभाग को अगर आप पर किसी भी तरह से शक होता है कि आपने टैक्स की चोरी की है या आपके पास अघोषित आय है या आप किसी गैरकानूनी सम्पत्ति और ज्वैलरी के मालिक हैं, तो वह आपकी पूरी ऑनलाइन हिस्ट्री कानूनी रूप से खंगाल पाएंगे। चलिए इस नए कानूनी नियम के बारे में डिटेल में समझते हैं।
क्या है नया नियम
भारत का इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 132 पहले ही अधिकारियों को तलाशी लेने और संपत्ति व अकाउंट बुक्स जब्त करने का कानूनी अधिकार देती है। ऐसा तब होता है जब इनकम टैक्स विभाग को टैक्स की चोरी का शक हो। अब यह अधिकार सिर्फ फिजिकल जगहों तक सीमित नहीं रहेगा। नए इनकम टैक्स बिल के तहत अधिकारियों को डिजिटल दुनिया की जांच का अधिकार भी मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर किसी शख्स पर टैक्स चोरी का शक हो, तो अधिकारी उसके कंप्यूटर सिस्टम, ईमेल्स, क्लाउड स्टोरेज या सोशल मीडिया अकाउंट्स को कानूनी रूप से खंगाल पाएंगे। इसके लिए उन्हें आपसे किसी तरह की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। यह बदलाव टैक्स चोरी के डिजिटल तरीकों पर लगाम लगाने के लिए लाया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस कानून की वजह से इनकम टैक्स अधिकारी डिजिटल डेटा में झांक कर चोरी करने वालों को आसानी से पकड़ पाएंगे।
डिजिटल डेटा में क्या कुछ आएगा?
नए इनकम टैक्स बिल के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल स्पेस की परिभाषा अब पहले से कहीं ज्यादा डिटेल में लिखी गई है। इसमें टैक्सपेयर्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक खाते, ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट अकाउंट्स और ईमेल्स जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को शामिल किया गया है। ये सभी अब सीधे डिजिटल डेटा की सीमा में आएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार बिल में बताया गया है कि डिजिटल दुनिया वह जगह है जहां लोग कंप्यूटर सिस्टम, इंटरनेट, मोबाइल डिवाइस, नेटवर्क और उभरती हुई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर आपस में जुड़ते हैं और तरह-तरह की डिजिटल गतिविधियाँ करते हैं। इससे इनकम टैक्स विभाग के जांच करने का दायरा भी काफी बढ़ जाएगा।
इन अधिकारियों के पास होगा एक्सेस
इस नए नियम के अनुसार जिन अधिकारियों को डिजिटल जानकारी खंगालने का अधिकार होगा उनमें जॉइंट डायरेक्टर या एडिशनल डायरेक्टर, जॉइंट कमिश्नर या एडिशनल कमिश्नर, असिस्टेंट डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर, असिस्टेंट कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर, इनकम-टैक्स ऑफिसर या टैक्स रिकवरी ऑफिसर शामिल होंगे। अगले साल लागू होने वाले इस कानून के तहत अब टैक्स चोरी को छिपा पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।
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