वाशिंगटन
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वीजा से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है, जिससे हड़कंप मच गया है और खास कर भारतीयों में। इस नई नीति के तहत अब डायबिटीज, मोटापा जैसी आम हेल्थ इश्यू के अलावा हृदय रोग या कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अमेरिका का वीजा मिलने में मुश्किल हो सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने दुनियाभर के दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को निर्देश दिए हैं कि वे वीजा आवेदकों की हेल्थ, उम्र और आर्थिक स्थिति की सख्ती से जांच करें। यदि किसी व्यक्ति के भविष्य में महंगे इलाज या सरकारी सहायता पर निर्भर होने की संभावना दिखे, तो उसका वीजा रद्द कर दिया जाए।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
नई नीति का मकसद यह है कि सरकार पर स्वास्थ्य खर्च का बोझ न बढ़े। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अमेरिका आने वाले ऐसे विदेशी नागरिक जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, वे आगे चलकर “पब्लिक बेनिफिट” यानी सरकारी सहायता पर निर्भर हो सकते हैं। KFF हेल्थ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में रहने के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों को कुछ विशेष चिकित्सीय स्थितियों के कारण अब वीजा अस्वीकृति का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में विदेश विभाग द्वारा दूतावासों को भेजे गए आधिकारिक पत्र का हवाला दिया गया है, जिसमें इन दिशानिर्देशों को विस्तार से बताया गया है।
बढ़ती बीमारियों पर चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया की करीब 10% आबादी मधुमेह से पीड़ित है, जबकि हृदय रोग आज भी वैश्विक स्तर पर मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। ऐसे में इस नई नीति से लाखों लोगों के अमेरिका जाने के सपनों पर असर पड़ सकता है। भारत की करीब 35–40% वयस्क आबादी किसी न किसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारी (डायबिटीज, मोटापा या हृदय रोग) से प्रभावित है। भारत में डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ताज़ा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य रिपोर्टों के अनुसार स्थिति इस प्रकार हैः-
डायबिटीज (मधुमेह)
ICMR–INDIAB रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 11.4% वयस्क आबादी (करीब 10.1 करोड़ लोग) डायबिटीज से पीड़ित है। विश्व स्तर पर भारत दूसरे स्थान पर है जबकि पहले नंबर पर चीन है ।
मोटापा (Obesity/Overweight)
National Family Health Survey (NFHS-5)की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय वयस्कों में लगभग 23% लोग अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। शहरी क्षेत्रों में यह दर 30% से भी अधिक है, जबकि ग्रामीण इलाकों में लगभग 15-18%।
हृदय रोग (Cardiovascular Diseases)
Indian Heart Association, WHO के मुताबिक भारत में हर साल 2.8 करोड़ से ज्यादा लोग हृदय संबंधी बीमारियों से प्रभावित होते हैं। देश में कुल मृत्यु का लगभग 28% कारण हृदय रोग हैं।
भारत पर असर
अगर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की यह नई वीजा नीति लागू होती है, तो भारत पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां डायबिटीज और मोटापा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
ऐसे में हजारों भारतीय छात्र, प्रोफेशनल्स और इमिग्रेंट्स जो अमेरिका में पढ़ाई या नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें वीजा मिलने में कठिनाई हो सकती है।
भारतीय मेडिकल विजिटर्स या बुजुर्ग यात्रियों के लिए भी अमेरिका की यात्रा मुश्किल हो जाएगी।
स्वास्थ्य कारणों से वीजा अस्वीकृति बढ़ने से इंडिया-अमेरिका शैक्षणिक और व्यावसायिक संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
ट्रंप प्रशासन के इस कदम को कई विशेषज्ञ “ह्यूमन राइट्स और डिस्क्रिमिनेशन” के नजरिए से भी देख रहे हैं।

More Stories
4.2 करोड़ लोगों के राशन पर संकट टला? एसएनएपी कटौती मामले में ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
‘आओ आतंकी बनो’… पाकिस्तान में खुलेआम चल रही नफरत की रैलियां
गेहूं बैन का साइड इफेक्ट: रावलपिंडी-इस्लामाबाद में आटे की किल्लत, जनता परेशान