November 24, 2025

BMW ड्राइवर गगनप्रीत जमानत पर, CCTV ने दिखाया पुलिस की कमज़ोरी

नई दिल्ली 
दिल्ली के चर्चित BMW हादसे में आरोपी गगनप्रीत कौर को अदालत ने जमानत दे दी है। 27 सितंबर को आए फैसले में अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष की कहानी और सबूतों में विरोधाभास हैं। कोर्ट ने कहा कि घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज ने शुरुआती आकलन को बदल दिया है, कलपेबल होमिसाइड (जानबूझकर की गई गलती जिसमें किसी की जान चली जाए) के आरोपों को कमजोर किया और इससे पता चलता है कि यह मामला लापरवाही से गाड़ी चलाने का है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि FIR में दर्ज आरोप CCTV फुटेज से साबित नहीं होते। फुटेज में दिखा कि कार ने नियंत्रण खोया, डिवाइडर से टकराई, पलटी और इसी दौरान मोटरसाइकिल और बस से टकराई। कोर्ट के मुताबिक, 'फुटेज से यह नहीं लगता कि बाइक को जानबूझकर तेज रफ्तार में टक्कर मारी गई। यह घटना रैश और लापरवाह ड्राइविंग का मामला ज्यादा लगती है, न कि जानबूझकर की गई हत्या।'

कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि कार कितनी तेज चल रही थी, जबकि सड़क पर स्पीड कैमरे लगे थे। इससे अभियोजन की कहानी और कमजोर हो गई। 14 सितंबर को बीएमडब्ल्यू हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की जान चली गई थी। नवजोत अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बाइक से घर जा रहे थे। रास्ते में टक्कर के बाद नवजोत सिंह की मौत हो गई। उनकी पत्नी का दावा है कि तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू से टक्कर के बाद गगनप्रीत वहां से करीब 20 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर के अस्पताल में उन्हें ले गई जिसकी वजह से उनके पति की जान नहीं बची।

एंबुलेंस स्टाफ की भूमिका पर सवाल
कोर्ट ने एंबुलेंस स्टाफ के व्यवहार को अत्यंत गैर-पेशेवर और अनैतिक बताया। अदालत ने कहा कि फुटेज में दिखा कि हादसे के तुरंत बाद पहुंचे एंबुलेंस कर्मियों ने न तो पीड़ित की नब्ज देखी, न ही कोई प्राथमिक उपचार दिया और 40 सेकंड में ही चले गए। कोर्ट ने यह भी कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी दाखिल नहीं हुई है, जिससे मौत का सही समय और कारण पता चल सकेगा। अदालत ने कहा कि आरोपी ने पीड़ित की मदद करने की कोशिश की या सिर्फ खुद के पक्ष में सबूत जुटाने की, यह जांच और ट्रायल में तय होगा।

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