गोरखपुर.
शारदीय नवरात्र के पहले दिन (प्रतिपदा), सोमवार को शिवावतार गुरु गोरखनाथ की साधनास्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की मंगलकामना के साथ मां जगतजननी की उपासना के विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में पीठ की परंपरा के अनुसार हुआ। सोमवार सायंकाल गोरक्षपीठाधीश्वर ने मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की। शारदीय नवरात्र प्रतिपदा का अनुष्ठान मां जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।
कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य कलश शोभायात्रा पारंपरिक तरीके और श्रद्धाभाव से निकाली गई। सायंकाल गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में साधु-संतों की शोभायात्रा, परंपरागत वाद्ययंत्रों घंट-घड़ियाल, तुरही, शंख की ध्वनियों और मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ आई। इसके बाद जल से भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आवाहन कर इसे स्थापित किया। गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमददेवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।

More Stories
बीजेपी और सहयोगी लोकतंत्र के खिलाफ, लूटतंत्र के पक्ष में: अखिलेश का आरोप
राज्यभर में पुलिस महकमे में फेरबदल: 23 एडिशनल एसपी बदले गए, देखें आपके जिले में कौन तैनात हुआ
मायावती ने दी उत्तराखंड को 25वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएँ, कहा— ईमानदार शासन से होगा विकास