November 11, 2025

अनोखी परंपरा: प्रयागराज की रामलीला में भगवान राम का 120 साल पुराने सिंहासन पर बैठना जारी

प्रयागराज
प्रयागराज में दशहरे के दौरान भोर में श्रृंगार चौकी निकालने की दशकों पुरानी परंपरा आज भी जारी है। श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से यह चौकियां निकाली जाती हैं। सिंहासन पर विराजमान होकर प्रभु राम और लक्ष्मण निकलते हैं। जिस सिंहासन पर इन्हें विराजमान किया जाता है, वह 120 वर्ष पुराना है। छह क्विंटल का यह सिंहासन देखने में बिल्कुल सोने की तरह लगता है, जिसे जडियल टोला के नत्थू राम जडिया और उनके दोस्त बलदेव ने बनवाया था।

वर्तमान में कमेटी की श्रृंगार चौकी समिति के महामंत्री राजेश कुमार सिंह जड़िया है। नत्थू राम जडिया इनके परनाना थे। राजेश बताते हैं कि परनाना की श्रीराम में अगाध आस्था थी। इसलिए उन्होंने अपने दोस्त के साथ छह क्विंटल का सिंहासन बनवाया था, जिसे बनाने में बीस कारीगर लगे थे और वह पांच महीने में बनकर तैयार हुआ था। 120 वर्ष पहले उसमें लाखों की संख्या में नग लगवाए गए थे। इस सिंहासन को नत्थू राम ने दीपक की रोशनी में अपने पांच बादशाही मंडी स्थित आवास पर बनवाया था।
बरेली के राधेश्याम कथावाचक की रामायण पर रामलीला में डॉक्टर पिता-पुत्र करते हैं रोल, रिहर्सल शुरू है

आज भी रामलीला के दौरान पुष्प, केला, मोती और पोत की जो चौकियां निकलती हैं, उनमें वही सिंहासन रहता है। श्रृंगार चौकी वंशीधर कोठी से कोतवाली, ठठेरी बाजार, जानसेनगंज, निरंजन टॉकीज चौराहा, चमेली बाई धर्मशाला से होते हुए परनाना के आवास पर पहुंचकर समाप्त होती है। राजेश ने बताया कि पिछले वर्ष इस सिंहासन की मरम्मत कराई गई थी और उसमें हजारों नग जड़वाए गए थे। रामलीला कमेटी के राज्याभिषेक समारोह में इसी सिंहासन पर भगवान को बिठाया जाता है।

Spread the love