MP में डॉक्टरों की कमी, राज्य सरकार तीन बड़े कदम उठाने जा रही, सेवानिवृत्त शिक्षकों को 70 वर्ष की आयु तक संविदा नियुक्ति दी जाएगी

भोपाल
मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार तीन बड़े कदम उठाने जा रही है। इसमें सबसे मुख्य यह कि छोटे जिलों के मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों को 50 हजार रुपये प्रतिमाह तक अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इसके लिए न्यूनतम जनसंख्या व अन्य मापदंड निर्धारित कर जिलों को चिह्नित किया जाएगा। इनमें पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए सिवनी, नीमच और मंदसौर मेडिकल कॉलेज को भी सम्मिलित करने की तैयारी है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 और 2026-27 में मिलाकर आठ मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने की तैयारी में है। इनमें श्योपुर और सिंगरौली में इसी वर्ष से एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को आवेदन भी किया गया है। अगले सत्र में बुधनी, उज्जैन, मंडला, राजगढ़ सहित छह जिलों में कॉलेज प्रारंभ करने की तैयारी है।

कॉलेजों के लिए नहीं मिल रहे टीचर

छोटे जिलों के कॉलेजों के लिए शिक्षक (सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और प्राध्यापक) नहीं मिल रहे हैं। इस कारण राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। साथ ही मेडिकल कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को 70 वर्ष की आयु तक संविदा नियुक्ति देने और एनएचएम की सेवा को बंध पत्र सेवा अवधि में सम्मिलित करने की तैयारी है। तीनों प्रस्तावों को शीघ्र ही कैबिनेट में लाया जाएगा।

70 साल तक संविदा में सेवा पर रखा जाएगा

शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों से 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को अधिकतम 70 वर्ष की आयु तक संविदा पर सेवा में रखा जा सकेगा। अभी संविदा का प्रविधान नहीं है। एनएमसी ने भी अपने मापदंडों में 70 वर्ष तक अधिकतम आयु को मान्य किया है। इसी आधार पर निजी मेडिकल कॉलेज 70 वर्ष तक सेवाएं ले रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में शासकीय कॉलेजों के लिए अधिकतम आयु 70 वर्ष तक कर दी गई है। मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों के संगठन सेवानिवृत्ति आयु 70 वर्ष तक करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए संविदा का विकल्प निकाला है।

तीसरा, कदम यह कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत डॉक्टरों की सेवा अवधि को अनिवार्य सेवा बंध पत्र (बांड) के अंतर्गत मान लिया जाएगा।

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