
नई दिल्ली
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को देखने के दो तरीके हैं। एक तो ये है कि भारत के पास इस बार विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का अनुभव नहीं है। इस दौरे को देखने का दूसरा तरीका ये है कि इंग्लैंड का गेंदबाजी क्रम भी कमजोर है। चार में से तीन गेंदबाज ऐसे हैं, जिनको टेस्ट मैच खेलने का कुल अनुभव सिर्फ 24 टेस्ट बैठता है। इसका फायदा अगर भारतीय बल्लेबाज उठाते हैं तो निश्चित तौर पर मानसिक रूप से भारतीय टीम पहले मैच में आगे निकल सकती है।
दरअसल, इंग्लैंड के गेंदबाजी क्रम में क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोश टंग और शोएब बशीर हैं। पांचवें गेंदबाज कप्तान बेन स्टोक्स हैं। अगर वोक्स और स्टोक्स को अलग किया जाए तो कार्स, टंग और बशीर का टेस्ट खेलने का कुल अनुभव 24 टेस्ट है। कार्स ने 5, टंग ने 3 और बशीर ने 16 मुकाबले ही खेले हैं। दूसरी ओर अनुभवहीन कहे जा रहे भारतीय बल्लेबाजी क्रम के टॉप 4 के बल्लेबाजों को देखें तो उनको अच्छा खासा अनुभव टेस्ट मैच खेलने का है। अगर केएल राहुल को छोड़ भी दें तो भी यशस्वी जायसवाल 19 टेस्ट खेल चुके हैं।
जायसवाल के अलावा शुभमन गिल 4 नंबर पर खेलेंगे और उनको 32 टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है। अगर करुण नायर नंबर तीन पर खेलते हैं तो उन्होंने भी 6 टेस्ट खेले हुए हैं। इस तरह ये इंग्लैंड के गेंदबाजी क्रम से ज्यादा अनुभव रखते हैं। अगर इंग्लैंड की टीम के चार गेंदबाजों के अनुभव को मिलाया जाए तो यह 81 टेस्ट मैचों का बैठता है। वहीं, भारत के टॉप 4 बल्लेबाजों का अनुभव 115 टेस्ट मैचों का बैठता है। इस तरह रोहित और विराट के बिना भी भारत का बल्लेबाजी क्रम इंग्लैंड के गेंदबाजी क्रम से ज्यादा अनुभवी है। अब देखना ये है कि कौन फायदा उठाता है।
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