
नई दिल्ली,
पेट्रोलियम नियामक ने नए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात टर्मिनल स्थापित करने या मौजूदा टर्मिनल का विस्तार करने की योजना बनाने वाली कंपनियों के लिए पूर्व-मंजूरी को अनिवार्य कर दिया है।
इसके साथ ही तीसरे पक्ष की पहुंच के लिए टर्मिनल क्षमता का एक हिस्सा आरक्षित करने की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने तरलीकृत प्राकृतिक गैस टर्मिनलो की स्थापना एवं संचालन के लिए पंजीकरण विनियम, 2025 को अधिसूचित किया है।
विनियामक ने कहा, ”ये विनियम एलएनजी टर्मिनल के पंजीकरण एवं निरीक्षण, (तथा) इकाइयों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तथा निष्फल निवेश की रोकथाम पर आधारित एक मजबूत ढांचा तैयार करते हैं।”
पीएनजीआरबी ने कहा कि ये नियम 2030 तक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने के मकसद से लाए गए हैं। यह मानदंड देशभर में समान एवं पर्याप्त रूप से प्राकृतिक गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगेय़
एलएनजी टर्मिनल बनाने की इच्छुक इकाई को अंतिम निवेश निर्णय (एफआईडी) लेने से पहले पीएनजीआरबी को इस बारे में बताना होगा। मौजूदा एलएनजी टर्मिनल की क्षमता का विस्तार करने के लिए भी यही नियम लागू होगा।
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